समदड़ी (बाड़मेर )पैंथर की दहशत बरकरार, अभी भी पकड़ से दूर है पैंथर,

, समदडी क्षेत्र में सुबह से लेकर शाम तक कहर बनकर बरसा पैंथर जो भी सामने आया उस को बनाया अपना शिकार, पैंथर के शिकार से अब तक पांच व्यक्ति हुए गंभीर घायल समदडी क्षेत्र के देवलवाली सरहद पर अचानक सवेरे एक पैंथर दिखाई दिया उसके बाद में सैकड़ों की संख्या में आसपास के ग्रामीण इलाकों के एवं कृषि कुआं के लोग इक्कठे हो गए वहीं लोगों ने पैंथर के होने की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी लेकिन समय पर एवम पर्याप्त संसाधनों की कमी के चलते प्रशासन पहुंचने के बाद भी पैंथर को काबू करने में असफल रहा, वहीं पैंथर ने  जो भी उसकी नजर में आया उस को अपना शिकार बना लिया जानकारी मिलने पर तहसीलदार सुरेंद्र सिंह खंगारोत थानाधिकारी चन्द्रसिंह भाटी विकास अधिकारी अतुल सोलंकी मय पुलिस जाप्ता के मौके पर पहुंचे वहां पर उन्होंने भीड़ को संगठित रहने एवं पैंथर से दूरी रखने को कहा सिलोर शरद के पास पेंथर नजर आया एवं लूनी नदी के बजरी खनन वाले रास्ते में जाता हुआ दिखा ,वहां पर पैंथर ने  एक युवक पर हमला कर दिया जिससे वह गंभीर घायल हो गया वही पैंथर घबरा कर वहां से दूर  आगे की ओर भाग गया खतरा बढ़ता देख प्रशासन ने जोधपुर की वन विभाग टीम को सूचना दी जिस पर श्रवण सिंह राठौड़ भंवरसिंह एवं बंशीलाल मीणा वनरक्षक टीम के सदस्य जोधपुर से रवाना हुए करीब 2 घंटे बाद टीम मौके पर पहुंची एवं पैंथर की तलाश शुरू कर दी बोलेरो केंपर के जरिए वनरक्षक की टीम ने पैंथर के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया सर्च ऑपरेशन के दौरान  एक के बाद एक करीब 4 ग्रामीणों को पैंथर ने घायल कर दिया वहीं गंभीर घायलो को समदडी के स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र लाया गया जहां उनका प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी देने  एवम 11 व्येक्ति को जोधपुर रेफर करने की जानकारी मिली वन विभाग की टीम की ओर से करीब 4 से 5 घंटे तक चले रेस्क्यू के अंदर  3 बेहोशी के फायर करने की भी सूचना मिली एवं पेंथर के घायल होने की भी जानकारी मिली लेकिन पैंथर रात्री का अंधेरा देखकर कहीं दूर झाड़ियों के अंदर जाकर छिप गया जिससे सर्च ऑपरेशन रोकना पड़ा और पैंथर का कोई सुराग भी नहीं लग पाया है अब टीम ने जोधपुर से एक पिंजरा मंगाया और उसके अंदर मांस का टुकड़ा रखकर पैंथर को पकड़ने के प्रयास किए जाएंगे, वही क्षेत्र में पैंथर के होने की जानकारी आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों एवं कृषि को ऊपर आग की तरह फैल गई है कहीं लोग रात को पहरा भी दे रहे हैं, पैंथर के हमले से घायल होने वाले विक्रम सिंह राजपूत पुखराज सिंह पुखसिंह राजपुरोहित एवं लालाराम भील दलाराम मेघवाल जिसमे दलाराम मेगवाल सिलोर की हालत नाजुक बताई जा रही है एवम हड्डी फेक्चर होने और खून बन्द नही होने के कारण जोधपुर रेफर किया गया,  गौरतलब है कि ,, स्तानीय  प्रशासन की लापरवाही 5 लोग हुए पैंथर का शिकार, करीब 1 सप्ताह पूर्व फूलन गांव में कृषि कुओ साउओ की ढाणी के पास रात्रि के समय कास्तकार को दिखा था पैंथर जिसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन एवं वन विभाग सिवाना को दी थी लेकिन वन विभाग सिवाना की टीम ने महज कुछ घंटे सर्च ऑपरेशन चलाकर खानापूर्ति करते हुए वहां से निकल गए ऐसा अंदेशा बताया जा रहा है कि पैंथर भटकते-भटकते देवलयाली पहुंच गया , और  स्थानीय लोगों को शिकार होना पड़ा वही हर कोई पूरे कस्बे के अंदर पैंथर की बात करता हुआ नजर आ रहा है

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