कृष्णानन्दपुरीजी महाराज का भव्य चातुर्मास रविवार को सम्पन्न हुआ ।
समदड़ी ,
समदड़ी (बाड़मेर) पंचवटी आश्रम के महाराज कृष्णा नन्द पूरी महाराज को रविवार को विदाई दी गई।
इससे पूर्व महाराज ने कहा दो महीनों से सत्संग हुआ वो प्रभु की इच्छा से ही होता है इसमें किसी व्यक्ति का अहंकार नही है। सत्संग में जिसको भी सेवा का मौका मिला इसका मतलब उसके उपर प्रभु की कृपा है
धर्म के अनुरूप काम करने से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है
धर्म वही है जो परहित है,सत्य बोलना ही धर्म है, मन वचन कर्म से किसी को कस्ट नही देना वो परम् धर्म है
हमारा पूरा जीवन ही धर्म है,
दो महीनों तक सत्संग सुनने आये उसके उपर भगवान की विशेस कृपा है महाराज ने अपने वाणी से अनेको बाते बताई
महाराज पिछले दो महीनो से श्रीमाली न्याती भवन समदडी में चातुर्मास कर रहे थे। महाराज के मुख वाणी से रामायण व सत्संग भक्ति का ज्ञान सैकड़ो महिलाओ व पुरुष को मिला
जहां उनसे हजारों भक्तों ने आशीर्वाद लिया।
महाराज को श्रीमाली न्याति भवन से गाजेबाजे के साथ शाम 6 बजे विदाई दी गई।
जिसमे लोगो की भीड़ उमड़ी ब्रह्मपुरी से मुख्य बाजार होते हुए पंचवटी आश्रम तक महाराज के साथ ग्रामीणो की भीड़ उमड़ी जगह-जगह महाराज का फूलों से स्वागत कर आरती उतारी
वह काफी श्रदालु महाराज के विदाई समारोह में नम आँखों से भावुक हो गए।
महाराज ने श्रदालुओ को सही रास्ते पर चलना व माता-पिता गुरुजनों का हमेशा सम्मान करने की बात कही
पंचवटी आश्रम पहुँचकर श्रदालुओ ने जय कारे के साथ महाराज से आशीर्वाद लिया।
इस मौके पर पूर्व सीऍमएच्ओ, डॉ.गोपीकिशन व्यास पूर्व प्रधानाचार्य महेंद्र दवे, समाज के अध्यक्ष विजय शंकर व्यास,नटवर लाल व्यास,जितेंद्र दवे, श्याम दवे, जुलगलकिशोर व्यास, विशनसिंह अध्यापक, खीमराज व्यास,देवी प्रसाद व्यास,भवर दास वैष्णव, मुफतलाल व्यास,सोमदत्त व्यास, जितेंद्र दवे,सुरेश व्यास सहित सैकड़ो संख्या में श्रदालुओ ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया
इससे पूर्व महाराज ने कहा दो महीनों से सत्संग हुआ वो प्रभु की इच्छा से ही होता है इसमें किसी व्यक्ति का अहंकार नही है। सत्संग में जिसको भी सेवा का मौका मिला इसका मतलब उसके उपर प्रभु की कृपा है
धर्म के अनुरूप काम करने से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है
धर्म वही है जो परहित है,सत्य बोलना ही धर्म है, मन वचन कर्म से किसी को कस्ट नही देना वो परम् धर्म है
हमारा पूरा जीवन ही धर्म है,
दो महीनों तक सत्संग सुनने आये उसके उपर भगवान की विशेस कृपा है महाराज ने अपने वाणी से अनेको बाते बताई
महाराज पिछले दो महीनो से श्रीमाली न्याती भवन समदडी में चातुर्मास कर रहे थे। महाराज के मुख वाणी से रामायण व सत्संग भक्ति का ज्ञान सैकड़ो महिलाओ व पुरुष को मिला
जहां उनसे हजारों भक्तों ने आशीर्वाद लिया।
महाराज को श्रीमाली न्याति भवन से गाजेबाजे के साथ शाम 6 बजे विदाई दी गई।
जिसमे लोगो की भीड़ उमड़ी ब्रह्मपुरी से मुख्य बाजार होते हुए पंचवटी आश्रम तक महाराज के साथ ग्रामीणो की भीड़ उमड़ी जगह-जगह महाराज का फूलों से स्वागत कर आरती उतारी
वह काफी श्रदालु महाराज के विदाई समारोह में नम आँखों से भावुक हो गए।
महाराज ने श्रदालुओ को सही रास्ते पर चलना व माता-पिता गुरुजनों का हमेशा सम्मान करने की बात कही
पंचवटी आश्रम पहुँचकर श्रदालुओ ने जय कारे के साथ महाराज से आशीर्वाद लिया।
इस मौके पर पूर्व सीऍमएच्ओ, डॉ.गोपीकिशन व्यास पूर्व प्रधानाचार्य महेंद्र दवे, समाज के अध्यक्ष विजय शंकर व्यास,नटवर लाल व्यास,जितेंद्र दवे, श्याम दवे, जुलगलकिशोर व्यास, विशनसिंह अध्यापक, खीमराज व्यास,देवी प्रसाद व्यास,भवर दास वैष्णव, मुफतलाल व्यास,सोमदत्त व्यास, जितेंद्र दवे,सुरेश व्यास सहित सैकड़ो संख्या में श्रदालुओ ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया
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